CM मोहन यादव की ऐतिहासिक बैठक: पेसा एक्ट और वनाधिकार पर दिए गए 6 बड़े निर्देश | Tribal Rights 2025"
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6 जुलाई 2025 |
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ऐतिहासिक बैठक: पेसा और वनाधिकार पर 6 बड़े निर्देश | Tribal Rights Update 2025
📅 दिनांक: 6 जुलाई 2025, पब्लिश date 9जुलाई 2025
📍 स्थान: मुख्यमंत्री निवास, भोपाल, मध्यप्रदेश
✍️ लेखक: TribalRights Team
🔰 भूमिका
मध्यप्रदेश में पेसा कानून और वनाधिकार अधिनियम को ज़मीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
6 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आदिवासी स्वशासन, ग्रामसभा की भूमिका और पेसा मोबिलाइज़र्स की सक्रियता पर विशेष ज़ोर दिया गया।
🏛️ बैठक का उद्देश्य
मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने पेसा एक्ट, वनाधिकार अधिनियम और ग्रामसभा के अधिकारों पर इतनी केंद्रित चर्चा की है। इस बैठक के प्रमुख उद्देश्य थे:
पेसा और वनाधिकार कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन
ग्रामसभाओं को निर्णय की शक्ति देना
पेसा मोबिलाइज़र्स की भूमिका को स्पष्ट और सशक्त बनाना
जनजातीय उत्पादों को बाजार से जोड़ना
📝 मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए 6 बड़े निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में निम्नलिखित 6 महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए, जो आने वाले समय में आदिवासी क्षेत्रों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं:
✅ 1. पेसा एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन
अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा को निर्णय की शक्ति दी जाए।
सभी योजनाओं की स्वीकृति ग्रामसभा के माध्यम से हो।
✅ 2. पेसा मोबिलाइज़र्स को सशक्त बनाना
मोबिलाइज़र्स को कानूनी जानकारी और योजनाओं की ट्रेनिंग दी जाए।
वे गांव-गांव में अधिकारों की जागरूकता फैलाएं।
✅ 3. जनजातीय अन्न (श्रीअन्न) को बढ़ावा
कोदो, कुटकी, बाजरा जैसे श्रीअन्न को बढ़ावा दिया जाए।
आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादन और खपत को प्राथमिकता मिले।
✅ 4. श्रीअन्न से बने उत्पादों को बाजार से जोड़ना
श्रीअन्न से बने बिस्कुट, कुकीज़, खीर, हलवा आदि को स्थानीय और राज्यस्तरीय मार्केट में लाया जाए।
✅ 5. विभागीय समन्वय और पारदर्शिता
वन विभाग, पंचायत, राजस्व और जनजातीय कार्य विभाग ग्रामसभा के साथ मिलकर पारदर्शी कार्य करें।
✅ 6. अवैध कब्जों पर रोक
आदिवासी क्षेत्रों की भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण रोका जाए।
इस प्रक्रिया में ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य हो।
🌾 श्रीअन्न: पोषण और अधिकार का नया आधार
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि श्रीअन्न (मोटे अनाज) सिर्फ पोषण का माध्यम नहीं, बल्कि आदिवासी अर्थव्यवस्था का आधार बन सकते हैं। इससे:
स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा,
ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह सक्रिय होंगे,
और खाद्य सुरक्षा भी मज़बूत होगी।
🧑🤝🧑 पेसा मोबिलाइज़र्स की भूमिका
पेसा मोबिलाइज़र्स अब सिर्फ सरकारी डाटा भरने तक सीमित नहीं रहेंगे।
बल्कि वे ग्रामसभा की आवाज़, योजना कार्यान्वयन के मार्गदर्शक, और आदिवासी स्वराज के वाहक बनेंगे।
सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि हर गांव में पेसा एक्ट का जमीनी रूप साकार किया जाएगा।
🏞️ ग्रामसभा: आत्मनिर्भर शासन की कुंजी
ग्रामसभा को सशक्त करना ही आत्मनिर्भर भारत की नींव है।
इस बैठक में तय किया गया कि सभी नीतियाँ, योजनाएँ और विकास कार्य ग्रामसभा की अनुमति और मार्गदर्शन में हों।
🔚 निष्कर्ष
यह बैठक केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि आदिवासी स्वराज और संवैधानिक अधिकारों को मज़बूती देने की दिशा में बड़ा कदम है।
अगर इन निर्देशों को सही तरीके से लागू किया गया, तो मध्यप्रदेश आदिवासी क्षेत्रों के लिए मॉडल राज्य बन सकता है।
📣 आपकी भूमिका क्या हो सकती है?
ग्रामसभा की बैठकों में हिस्सा लें
पेसा एक्ट और वनाधिकार की जानकारी दूसरों तक पहुँचाएँ
पेसा मोबिलाइज़र्स का सहयोग करें
और Tribal Rights को लेकर जागरूकता बढ़ाएँ
🔔 आगे पढ़ें:
👉 पेसा एक्ट क्या है? - एक सरल गाइड
👉 वनाधिकार कानून 2006 और CFR की भूमिका
👉 MP PESA Rules 2022 का विश्लेषण
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🗣️ CM मोहन यादव की ऐतिहासिक बैठक में पेसा और वनाधिकार पर दिए गए 6 बड़े निर्देश!
ग्रामसभा को मिल रही है असली ताकत — जानिए पूरा विश्लेषण इस वीडियो में।
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