मध्यप्रदेश में PESA मोबेलाइज़र आंदोलन: ज़िला स्तर पर अवकाश और वेतन वृद्धि की माँग
मध्यप्रदेश में PESA मोबेलाइज़र आंदोलन: ज़िला स्तर पर अवकाश और वेतन वृद्धि की माँग
प्रकाशित तिथि: [06/07/2025]
लेखक: TribalRights.in टीम
✊ एकजुट हो रही है आवाज़: ज़िले-जिले में मोबेलाइज़र अवकाश पर
मध्यप्रदेश में PESA एक्ट के तहत कार्यरत हज़ारों मोबेलाइज़र आज वेतन वृद्धि और स्थायित्व की मांग को लेकर आंदोलन के रास्ते पर हैं। कई ज़िलों में मोबेलाइज़र सामूहिक अवकाश पर जा चुके हैं, और कुछ में जल्द ही हड़ताल की योजना बन रही है। यह सिर्फ एक मांग नहीं, बल्कि सम्मान, पहचान और न्याय की पुकार है।
📍 क्या हैं मोबेलाइज़र की मुख्य माँगें?
1. 💰 मानदेय (Payment) में बढ़ोतरी — वर्तमान मानदेय न्यूनतम जीवन यापन के लायक नहीं है
2. 📝 स्थायी नियुक्ति की नीति — वर्षों से सेवा दे रहे कार्यकर्ताओं को अस्थायित्व में रखा गया है
3. 📢 ग्रामसभा अधिकारों की रक्षा में लगे कर्मियों को सरकारी दर्जा — जो संविधान की आत्मा की रक्षा कर रहे हैं, उन्हें मान्यता मिलनी चाहिए
📌 जिलों में आंदोलन की स्थिति
जिला स्थिति
शहडोल सामूहिक अवकाश जारी
उमरिया ज्ञापन सौंपे गए, आंदोलन की तैयारी
मंडला, डिंडोरी ग्रामसभा स्तर पर विरोध स्वर
बालाघाट मोर्चाबंदी की योजना बन रही है
(सूची अद्यतन होती रहेगी)
💬 “हम संविधान की आत्मा की रक्षा कर रहे हैं, लेकिन हमें खुद ही अस्थिर बना दिया गया है”
एक महिला मोबेलाइज़र, डिंडोरी से👆
🧭 सरकार की चुप्पी और हमारी उम्मीद
जब भारत का संविधान ग्रामसभा को सर्वोच्च मानता है, तब उन लोगों की आवाज़ को अनसुना करना जो उस ग्रामसभा को सक्रिय बनाते हैं – यह एक विडंबना है।
क्या सरकार संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएगी?
क्या इन हज़ारों मोबेलाइज़रों की मेहनत को मान्यता मिलेगी?
सरकार ने की थी 8000 रुपये की घोषणा... फिर चुप क्यों?
कुछ समय पहले सरकार ने घोषणा की थी कि PESA मोबेलाइज़रों का मानदेय ₹8000 प्रति माह किया जाएगा। यह खबर आशा की किरण बनकर आई थी। लेकिन अब लगता है कि सरकार अपने ही वादे से पीछे हट गई है। ज़मीनी स्तर पर अभी तक कोई आदेश नहीं आया है, और मोबेलाइज़र आज भी पुराने मामूली मानदेय पर कार्य कर रहे हैं।
📣 हमारी अपील
TribalRights.in की ओर से हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि:
₹8000 मानदेय की घोषणा को तत्काल अमल में लाया जाए
सभी मोबेलाइज़र की अन्य माँगों पर भी गंभीरता से विचार किया जाय
📣 हमारी अपील
TribalRights.in की ओर से हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि:
सभी मोबेलाइज़र की माँगों पर तत्काल विचार हो
उचित वेतन और कार्य का स्थायित्व सुनिश्चित किया जाए
ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूती देने वाले इन कर्मियों को सम्मान मिले
📢 क्या आप भी मोबेलाइज़र हैं?
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धार जिले की रजनी दीदी का बलिदान: सरकार की चुप्पी क्या न्याय है?
📢 बलिदान के बाद भी चुप क्यों है सरकार?
उनके बलिदान के बाद ना कोई शोक प्रस्ताव,
ना कोई सम्मान,
ना ही कोई सहायता का वादा।
क्या एक कर्मठ महिला कार्यकर्ता, जिसने संविधान की ग्रामसभा की आत्मा को ज़मीन पर उतारने का प्रयास किया — उसका जीवन इतना मूल्यहीन है?
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🎥 रजनी दीदी का बलिदान: क्या सरकार सुन रही है?
वीडियो लिंक: YouTube पर देखें
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