पेसा नियम 2022: अनुसूचित क्षेत्रों में मादक पदार्थों की बिक्री और वितरण पर ग्रामसभा की भूमिका
पेसा नियम 2022: अनुसूचित क्षेत्रों में मादक पदार्थों की बिक्री और वितरण पर ग्रामसभा की भूमिका
भूमिका
भारत सरकार ने संविधान की पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों की विशिष्टता को मान्यता देते हुए
"पेसा अधिनियम 1996" (PESA Act) लागू किया। मध्यप्रदेश में इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए "पेसा नियम 2022" बनाए गए।
👍इन नियमों के ज़रिए ग्रामसभा को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए हैं, जिनमें मादक पदार्थों (Intoxicants) की बिक्री और वितरण पर नियंत्रण भी शामिल है।👍
मादक पदार्थों पर ग्रामसभा की निगरानी:
पेसा नियम 2022 के अनुसार, किसी भी अनुसूचित क्षेत्र में मालिक पदार्थों की बिक्री, वितरण, लाइसेंस जारी करने आदि से पहले ग्रामसभा की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य है कि:
आदिवासी समाज में नशे की लत से जुड़ी समस्याओं को रोका जा सके।
बाहरी ठेकेदारों द्वारा बिना ग्रामसभा की सहमति के व्यापारिक शोषण को रोका जाए।
सामाजिक संरचना और संस्कृति की रक्षा हो।
प्रमुख प्रावधान:
ग्रामसभा की सहमति के बिना कोई भी व्यक्ति या संस्था मादक पदार्थ की दुकान नहीं खोल सकती।
ग्रामसभा को यह अधिकार है कि वह किसी दुकान के संचालन को बंद करने की सिफारिश कर सकती है यदि वह सामाजिक नुकसान पहुँचा रही हो।
किसी भी प्रकार के नशे के प्रचार-प्रसार पर ग्रामसभा अंकुश लगा सकती है।
निष्कर्ष:
पेसा नियम 2022 ने ग्रामसभा को न केवल निर्णय लेने का अधिकार दिया है, बल्कि ग्राम विकास की दिशा तय करने का हक भी सौंपा है। मादक पदार्थों की बिक्री और वितरण पर ग्रामसभा की स्वीकृति एक बड़ा कदम है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक संतुलन और स्वशासन को बल मिलता है।
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