अनुसूचित क्षेत्रों में गौण खनिज, खान और खनिज | अध्याय 6 | मध्य प्रदेश पेसा नियम 2022



खनिज, खान
 अनुसूचित क्षेत्रों में गौण खनिज, खान और खनिज | अध्याय 6, मध्य प्रदेश पेसा नियम 2022      

                  प्रस्तावना:

अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों का प्राकृतिक संसाधनों पर पारंपरिक अधिकार रहा है। लेकिन जब बात खनिज संपदा की आती है, तो इतिहास गवाह है कि इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा शोषण हुआ। इस पर अंकुश लगाने और ग्राम सभाओं को शक्ति देने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश पेसा नियम 2022 बनाए गए। इसका अध्याय 6 'गौण खनिज, खान और खनिज' पर केंद्रित है, जो अनुसूचित क्षेत्रों में खनिजों से जुड़े कार्यों में ग्राम सभा की भागीदारी सुनिश्चित करता है।

        क्या हैं गौण खनिज?👇

गौण खनिज (Minor Minerals) वे खनिज होते हैं जो स्थानीय निर्माण और उपयोग के लिए काम आते हैं, जैसे – पत्थर, बालू, मुरम, मिट्टी आदि। ये खनिज भले ही साधारण लगें, लेकिन इनका आर्थिक मूल्य बहुत अधिक होता है, खासकर निर्माण कार्यों में।

पेसा नियम 2022 के अध्याय 6 की मुख्य बातें:गौण खनिज

                    उनका उपयोग

1.  गाँव,ग्राम सभा की पूर्व सहमति आवश्यक:

अनुसूचित क्षेत्रों में गौण खनिज के दोहन (खनन) से पहले ग्राम सभा की पूर्व सहमति लेना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी ग्राम सभा की अनुमति के बिना खनन कार्य नहीं कर सकती।

   2. ग्राम सभा की भूमिका:👇

ग्राम सभा यह तय करेगी कि खनिज दोहन का स्थानीय पर्यावरण, जल स्रोतों, कृषि भूमि या वनों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

यदि ग्राम सभा को लगे कि खनन से जनजीवन प्रभावित होगा, तो वह इसे रोक भी सकती है।

👉ग्राम सभा खनिज ठेकों के नियमों की निगरानी भी करेगी।

3. पारंपरिक अधिकारों की रक्षा:

यदि किसी समुदाय के पारंपरिक खनन या संसाधन उपयोग पर कोई असर पड़ता है, तो ग्राम सभा उस पर कार्रवाई कर सकती है। यह नियम आदिवासी समुदायों के परंपरागत संसाधन अधिकारों की रक्षा करता है।

4. लाभों का स्थानीय उपयोग:👇

खनन से होने वाली आमदनी का एक हिस्सा स्थानीय विकास के लिए प्रयोग किया जाएगा — जैसे जल संरक्षण, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधा, आदि। इसका प्रबंधन ग्राम सभा की निगरानी में होगा।

5. पारदर्शिता और जवाबदेही:👇

ग्राम सभा को यह अधिकार है कि वह खनिज ठेकेदारों या कंपनियों से हर 6 माह में रिपोर्ट मांगे, जिसमें खनन की मात्रा, पर्यावरणीय प्रभाव और आर्थिक लाभ का ब्यौरा हो।

    पेसा नियम क्यों हैं ज़रूरी?👇

मध्य प्रदेश के 89 विकासखंड अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं, जहां आदिवासी समुदायों की जनसंख्या बहुत अधिक है। यहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है, लेकिन उनके दोहन से आदिवासियों को लाभ नहीं मिलता था। पेसा नियम 2022 इन असमानताओं को दूर करने और 'जनजातीय स्वराज' की भावना को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम है।

                           निष्कर्ष:

अध्याय 6 यह स्पष्ट करता है कि अब अनुसूचित क्षेत्रों की धरती से निकली हर बालू, पत्थर और मिट्टी पर पहला अधिकार वहां की ग्राम सभा का है। यह न केवल खनिज दोहन को नियंत्रित करता है, बल्कि स्थानीय जनता की सहभागिता, पर्यावरण की रक्षा, और आर्थिक न्याय को भी सुनिश्चित करता है।

खनिज, खदान,

पेसा का असली उद्देश्य यही है — संसाधनों पर जनता का अधिकार, निर्णय में उनकी भागीदारी, और विकास की दिशा में उनका नेतृत्व।

अधिक जानकारी के लिए मिलिए इस लिंक पर

अगर आप पेसा, ग्रामसभा, और आदिवासी अधिकारों पर ऐसे और ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुख्यमंत्री का पेसा महासम्मेलन – पर पेसा विषय ही ग़ायब!

PESA मोबेलाइज़र का संघर्ष: अधिकार दिलाने वाले आज खुद न्याय के मोहताज क्यों?

आदिवासी स्वराज और ग्रामसभा की ताकत: मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022 की प्रमुख बातें"