श्रम शक्ति की योजना पेसा नियम 2022
पेसा नियम 2022 और श्रम शक्ति योजना: आदिवासी आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम
भूमिका:
आदिवासी समाज की सामाजिक और आर्थिक मजबूती के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारें निरंतर प्रयासरत हैं। इसी दिशा में "पेसा अधिनियम 1996"
🌹और🌹
🇮🇳"मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022"🇮🇳
ने ग्रामसभाओं को मजबूत बनाते हुए उन्हें विकास की धुरी पर लाया है। पेसा नियमों के अंतर्गत कई योजनाएँ लाई गई हैं, जिनमें "श्रम शक्ति योजना"
🌹एक महत्त्वपूर्ण पहल है।🌹
यह योजना न केवल ग्राम स्तर पर रोज़गार को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय संसाधनों का न्यायपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करती है।
🇮🇳 श्रम शक्ति योजना क्या है?🇮🇳
श्रम शक्ति योजना का उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों के युवाओं और श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर काम दिलवाना है, जिससे उन्हें पलायन न करना पड़े और वे अपने ही गांव में आत्मनिर्भर बन सकें।
पेसा नियम 2022 के तहत श्रम शक्ति योजना की भूमिका: 👇
🇮🇳 1. ग्रामसभा की स्वीकृति:🇮🇳
किसी भी प्रकार की निर्माण कार्य, योजना, या श्रम आधारित गतिविधि में श्रमिकों की नियुक्ति ग्रामसभा की सहमति से होगी।
🇮🇳 2. स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता:🇮🇳
नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि पहले गांव या पंचायत के श्रमिकों को ही काम में लगाया जाए, बाहरी श्रमिकों का प्रयोग केवल ग्रामसभा की अनुमति से ही हो सकता है।
🇮🇳 3. पारदर्शिता और निगरानी:🇮🇳
ग्रामसभा के माध्यम से मजदूरी भुगतान, कार्य की गुणवत्ता और समय-सीमा की निगरानी सुनिश्चित की जाती है।
🙏 🙏🇮🇳 4. महिलाओं की भागीदारी:🇮🇳🙏🙏
पेसा नियमों में महिलाओं को श्रम शक्ति योजना में समान अवसर देने का भी प्रावधान है।
लाभ:👇
आदिवासी युवाओं को गांव में ही रोजगार
पलायन में कमी
सामाजिक सुरक्षा और आत्मसम्मान में वृद्धि
ग्राम स्तर पर सामूहिक भागीदारी
निष्कर्ष:👇
श्रम शक्ति योजना, पेसा नियम 2022 के माध्यम से ग्रामसभा को निर्णय का केंद्र बनाकर एक नई विकासधारा की शुरुआत कर रही है। इससे आदिवासी समाज को सिर्फ आर्थिक लाभ ही नहीं, बल्कि सामाजिक अधिकारों की पुनर्स्थापना भी मिल रही है। यह योजना ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
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