आदिवासी स्वराज और ग्रामसभा की ताकत: मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022 की प्रमुख बातें"
आदिवासी स्वशासन की नींव: मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022 के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ ( हमारा बदलता मध्य प्रदेश)
भूमिका 👇
भारत के संविधान में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष अधिकारों की कल्पना की गई है ताकि वहाँ के आदिवासी समाज को उनकी परंपरा, संस्कृति, और स्वशासन के अनुरूप निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिल सके।
👇
इसी उद्देश्य से "पेसा कानून" (PESA Act, 1996) बनाया गया, जिसे मध्यप्रदेश ने अपने राज्य में लागू करने के लिए 2022 में विशेष नियम बनाए – जिन्हें 'मध्यप्रदेश पेसा नियम, 2022' कहा जाता है।
एक ऐतिहासिक शुरुआत:
इन नियमों की शुरुआत बड़े गर्व और सम्मान के साथ 15 नवम्बर 2022 को शहडोल जिले से हुई, जब देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने खुद इस अभियान का उद्घाटन किया। यह न केवल एक कानूनी पहल थी, बल्कि यह आदिवासी समाज को सम्मान देने की ऐतिहासिक मिसाल भी बनी।
आज हम इस लेख में इन नियमों के तीन महत्वपूर्ण अध्यायों पर बात करेंगे, जो हैं: -
1. विवाद समाधान और पारंपरिक तरीकों से शांति-सुरक्षा
2. भूमि हस्तांतरण और भूमि प्रबंधन
3. जल संसाधन एवं लघु सिंचाई योजना और प्रबंधन
1. विवाद समाधान:
👉 ग्रामसभा का पारंपरिक न्याय
पेसा नियम 2022 के अध्याय–3 के अनुसार,
अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा को यह अधिकार है कि वह परंपरागत तरीकों से स्थानीय विवादों को सुलझा सके। इसमें जमीन के छोटे-मोटे झगड़े, पारिवारिक कलह, पानी-बंटवारा या अन्य सामाजिक विवाद शामिल हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
ग्रामसभा को विवादों का समाधान आपसी बातचीत, परामर्श और परंपरागत न्याय प्रणाली के माध्यम से करना है।
इससे गांव के लोग पुलिस-थाना या कोर्ट के चक्कर लगाने से बच सकते हैं।
यह मॉडल समाज में भाईचारा और आत्मनिर्भर न्याय की भावना को मजबूत करता है।
प्रभाव
इससे न केवल प्रशासन का बोझ घटेगा, बल्कि आदिवासी समाज को अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार फैसले लेने की स्वतंत्रता भी मिलेगी।
2. भूमि का हस्तांतरण और प्रबंधन:
आदिवासी भूमि की सुरक्षा
पेसा नियम 2022 के अध्याय–4 के अनुसार,
अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की भूमि को उनके समुदाय की सहमति के बिना किसी और को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
मुख्य प्रावधान:
कोई भी भूमि सौदा ग्रामसभा की अनुमति के बिना मान्य नहीं होगा।
अगर किसी ने गैरकानूनी रूप से आदिवासी की ज़मीन ली है, तो ग्रामसभा उस पर आपत्ति दर्ज कर सकती है।
ग्रामसभा यह भी तय कर सकती है कि भूमि का किस तरह से उपयोग किया जाए – खेती, सामुदायिक उपयोग, या वृक्षारोपण के लिए।
प्रभाव:
यह नियम आदिवासी समुदाय को अपनी जमीन पर नियंत्रण देता है और बाहरी शोषण से बचाता है। इससे पलायन में कमी आ सकती है और ग्रामीणों को अपनी माटी से जुड़ाव बना रहेगा
3. जल संसाधन एवं लघु सिंचाई योजना:
पानी पर अपना हक
पेसा नियम 2022 का अध्याय–5
यह सुनिश्चित करता है कि गांव के जल स्रोतों का उपयोग और प्रबंधन ग्रामसभा की देखरेख में हो।
महत्वपूर्ण बातें:
तालाब, नालों, कुओं और झरनों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्रामसभा की होगी।
जल संसाधनों का उपयोग किस उद्देश्य के लिए होगा (सिंचाई, मवेशी, घरेलू उपयोग) – यह निर्णय ग्रामसभा लेगी।
छोटे सिंचाई प्रोजेक्ट (जैसे चेकडैम, नहर आदि) की योजना और क्रियान्वयन भी ग्रामसभा की सहमति से ही होगा।
प्रभाव:
इससे जल संसाधनों पर गांव का नियंत्रण बढ़ेगा, जल संकट कम होगा, और पारंपरिक जल-संरक्षण तकनीकों को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष:
मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022 केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह आदिवासी समाज की आत्मा को पहचान दिलाने वाला एक सशक्त माध्यम है।
ये तीनों बिंदु –
सीधे-सीधे ग्रामीण जीवन की नीव है
ग्रामसभा का सशक्तिकरण न केवल आदिवासी स्वराज की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को भी गहरा करता है। अगर इन नियमों को जमीनी स्तर पर ठीक से लागू किया जाए तो इससे आदिवासी क्षेत्रों में सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक शांति की नई मिसाल कायम हो सकती है।
आपकी राय:
क्या आपके गाँव में ग्रामसभा इन अधिकारों का प्रयोग कर रही है? क्या आपको लगता है कि इन नियमों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत है? हमें कमेंट में बताएं!
अगर वीडियो पसंद आए तो Plz :Subscribe My Channel
Subscribe नाउ
🌹आगे पेसा एक्ट के अंदर मादक पदार्थो पर नियंत्रण 🌹
👉श्रम शक्ति
👉वन उपज, गौण वनोपज
👉बाजारों पर नियंत्रण आदि.......
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
Please :शेएर now
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
“आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है — कृपया अपना विचारसाझा करें।”
“क्या आपको यह लेख पसंद आया? नीचे कमेंट करें!”
“आपके सवाल, सुझाव या अनुभव नीचे जरूर लिखें।”
“कृपया मर्यादित भाषा में अपनी टिप्पणी साझा करें।”
“अपने विचारों से चर्चा को आगे बढ़ाएं।”“आपकी आवाज़ हमारी ताकत है — नीचे कमेंट करके जुड़ें।”अगर आप भी बदलाव चाहते हैं, तो अपनी बात नीचे लिखें।”“ग्रामसभा की भावना को जीवित रखें — अपने विचार साझा करें।”