"PESA अधिनियम: सरकार की पहल और पंचायत मोबिलाइज़र की भूमिका"
To know more
PESA अधिनियम, सरकार के कदम और पंचायत मोबिलाइज़र के प्रयास
![]() |
PeSA अधिनियम का परिचय
पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA अधिनियम) 24 दिसंबर 1996 को लागू हुआ। इसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों के आदिवासी समुदायों को ग्राम सभा के माध्यम से स्वशासन और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन का अधिकार देना है। ☝
यह 5वीं अनुसूची के क्षेत्रों में पारंपरिक पंचायत व्यवस्था को सशक्त बनाता है।
PESA अधिनियम ने आदिवासी समुदायों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा को मजबूती दी है। इसके तहत ग्राम सभा को स्थानीय विकास से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने का संवैधानिक अधिकार
🇮🇳सरकार की पहलें🇮🇳
सरकार ने PESA अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण व कार्यशालाएं शामिल हैं।
राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सम्मेलन
2024 में पुणे, रांची और नई दिल्ली में राष्ट्रीय व क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित हुए। इस दौरान ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) के लिए एक विशेष पोर्टल और सात प्रशिक्षण मॉड्यूल लॉन्च किए गए।
प्रशिक्षण एवं जागरूकता अभियान
सरकार ने पेसा राज्यों को ग्राम सभाओं में जागरूकता अभियान और क्षमता निर्माण गतिविधियाँ संचालित करने के लिए प्रोत्साहित किया। झारखंड में 24 दिसंबर 2024 को एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें राज्य में पेसा नियमावली को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य हुआ।
राज्य सरकारों की पहलें
🌹मध्यप्रदेश सरकार ने नवंबर 2022 में पेसा नियमावली अधिसूचित की और ब्लॉक एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया। दिवाली 2024 पर मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम सभा मोबिलाइज़रों का मानदेय ₹4,000 से बढ़ाकर ₹8,000 कर दिया गया(हालांकि अभी भी इतने महीने के बाद भी सरकार के पास विचाराधीन hai)जिससे इनकी भूमिका को नई ऊर्जा मिली🌹
🤔 🤔🤔
🌹पंचायत मोबिलाइज़र के प्रयास🌹
AOM मोबिलाइज़र पेसा अधिनियम को जमीनी स्तर पर लागू करने में सक्रिय हैं। वे ग्राम सभाओं को सशक्त बनाते हैं और समुदाय को स्वशासन के प्रति जागरूक करते हैं।
ग्राम सभा सशक्तिकरण
मोबिलाइज़र ग्राम सभा की बैठकों का समुचित संचालन सुनिश्चित करते हैं और पंचायत घोषणाओं को गांव-गांव पहुँचाते हैं।
वे स्थानीय समस्याओं को उजागर कर समाधान के लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधियों तक ग्रामीणों की आवाज पहुँचाते हैं।
योजनाएँ और लाभार्थी सहायता
AOM मोबिलाइज़र सरकारी कल्याणकारी योजनाओं, सब्सिडी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ पहुँचाने में भी मदद करते हैं। आधार, बैंक खातों के KYC अपडेट और सरकारी पोर्टल पर डेटा एंट्री जैसे कार्यों में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
🌹सामुदायिक भागीदारी🌹
ये मोबिलाइज़र स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीणों को पंचायत शासन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे पारंपरिक संस्कृति और संसाधनों का संरक्षण होता है।
निष्कर्ष🤔
PESA अधिनियम ने गांव की राजनीति और विकास की तस्वीर बदल दी है। सरकार की पहलों और AOM पंचायत मोबिलाइज़र के समर्पित प्रयासों से आदिवासी समुदायों का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण तेजी से हो रहा है।
आने वाले समय में इसी समर्पण और प्रतिबद्धता से ग्राम पंचायतें और भी मजबूत बनेंगी तथा आदिवासी समाज के लिए समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित होगा।
हमसे जुड़ें!🙏🙏
Instagram पर फॉलो करें
https://www.instagram.com/prakashranjandwivedi?igsh=YzljYTk1ODg3Zg==
YouTube चैनल सब्सक्राइब करें
https://youtube.com/@prakashranjandwivedi5270?si=eaWi6qMNaW7eFeha
Facebook पर भी हमारा समर्थन करें
> यहाँ क्लिक करके विस्तार से पढ़ें
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
“आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है — कृपया अपना विचारसाझा करें।”
“क्या आपको यह लेख पसंद आया? नीचे कमेंट करें!”
“आपके सवाल, सुझाव या अनुभव नीचे जरूर लिखें।”
“कृपया मर्यादित भाषा में अपनी टिप्पणी साझा करें।”
“अपने विचारों से चर्चा को आगे बढ़ाएं।”“आपकी आवाज़ हमारी ताकत है — नीचे कमेंट करके जुड़ें।”अगर आप भी बदलाव चाहते हैं, तो अपनी बात नीचे लिखें।”“ग्रामसभा की भावना को जीवित रखें — अपने विचार साझा करें।”